प्रेम व भक्ती का प्रतीक है होली का त्यौहार
प्रेम व भक्ती का प्रतीक है होली का त्यौहार
श्री न्यूज़ 24/अदिति न्यूज़
विनय शुक्ला
सीतापुर
प्रचीन काल मे असुर राजा और उसके पुत्र की एक अद्भुत कथा मिलती है जहां एक पिता ही अपने पुत्र को अग्नि मे बिठा देता है लेकिन पुत्र की भगवत,भक्ति मे लीनता के चलते अग्नि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाती यानी कि बुराई ने अच्छाई पर न सिर्फ विजय पाई बल्कि इतिहास मे यह पर्व ही बन गया साथ ही इस घटना ने यह भी संदेश दिया कि ईश्वर के प्रति विश्वास दृढ़ है तो फिर आप को कोई भी मुसीबत छू नहीं सकती !
आइए जानते है कि कैसे जुड़ी है इस कहानी से होली और क्या है होली का महत्व होली को लेकर कई कहानियां प्रचलित है लेकिन इसकी शुरुआत के बारे में भक्त पहलाद की कथा मिलती है मान्यता है प्राचीनकाल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर राजा था उसे अपने बल का इतना अभिमान था कि वह स्वयं को ईश्वर मानने लगा यही नही उसने पूरी प्रजा को उसी की पूजा करने का आदेश दिया साथ ही यह फरमान जारी किया कि अगर किसी ने उसके अलावा किसी अन्य देवता की पूजा की तो उसे म्रत्युदंड दिया जाएगा परंतु पुत्र ने नहीं मानी पिता की बात असुर राजा हिरण्यकशिपु का पुत्र पहलाद भगवान विष्णु का भक्त था उसकी श्रध्दा इतनी अगाध थी कि बार बार पिता के मना करने के बावजूद भी वह भक्ति मे ही लीन रहा हिरण्यकशिपु के लाख समझाने पर भी जब पहलाद नही माने तो उसने एक अलग योजना बनाई और बहन होलिका को राजमहल पहुंचने का संदेश भेजवाया भाई हिरण्यकशिपु का संदेशा मिलते ही होलिका वहां पहुंची वहां जाकर उसे पता चला कि उसे अपने भतीजे को लेकर अग्नि मे बैठना है क्योंकि उसे वरदान मे दुशाला प्राप्त था जिसे ओढ़ने से अग्नि उसे नहीं छु सकती थी हालांकि पहले तो वह इस पर सहमत नहीं हुई लेकिन ज्यादा देर तक वह हिरण्यकशिपु का आदेश टाल न सकी अगले दिन वह भतीजे पहलाद को गोद मे लेकर अग्नि मे बैठ गई
पहलाद को छू भी न सकी अग्नि
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होली का समाजिक महत्व है यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते है, मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मन भेद और मत भेद दूर हो जाते है क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है इसलिए यह आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ाता है वहीं धार्मिक महत्व की बात करें तो इस दिन होलिका मे सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और सकारात्मकता की शुरुआत होती है
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