लखनऊ राजधानी की यातायात पुलिस की मोटर साइकिलोंमें ईंधन खपत में बड़े खेल का खुलासा
लखनऊ राजधानी की यातायात पुलिस की मोटर साइकिलोंमें ईंधन खपत में बड़े खेल का खुलासा
अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली
संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ
ट्रैफिक पुलिस की रेसर बाइक रेसर मोबाइल में ईंधन की खपत में बड़े खेल का खुलासा हुआ है बाइकें चली नहीं और पेट्रोल की खपत होती रही एक बाइक तो ऐसी है जो छह महीने में सिर्फ एक दिन चली और एक सौ पैतालीस लीटर से अधिक पेट्रोल पी गई तीन अन्य बाइकों में भी पेट्रोल की खपत में इसी तरह का गोलमाल किया गया सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत चार रेसर बाइकों के नाम पर दिखाकर पूरा हेरफेर किया गयाकमिश्नरेट पुलिस ने पेट्रोलिंग के लिए दो हजार बीस में दस रेसर बाइकें ली थीं इनमें से चार रेसर बाइकें ट्रैफिक पुलिस लाइन को दी गई थीं पिछल साल जून से नवंबर तक इन बाइकों के ईंधन खपत में घोटाला किया गया इसमें यूपी 32 ईजी 8096 नंबर की बाइक भी शामिल है ये बाइक पिछले साल जुलाई में सिर्फ एक दिन चली इसकी एंट्री जीडी पर हैपर जून से नवंबर तक यानी छह महीने में कागजों पर एक सौ छी यालिश लीटर पेट्रोल की खपत इस बाइक में दिखाई गई इसी तरह से यूपी 32 ईजी 8096 नंबर की बाइक छह महीनों में नवंबर में एक भी दिन नहीं चलीलेकिन पेट्रोल की खपत इक्यावन लीटर हो गई। वहीं यही बाइक अगस्त में एक दिन चली और पेट्रोल की खपत सत्ताइस लीटर दिखाई गई। इसी तरह से पूरा खेल किया गया यूपी 32 ईजी 2363 नंबर की बाइक के ईंधन खपत में भी बड़ा हेरफेर किया गया पिछले साल छह महीनों में से नवंबर में ये बाइक चार दिन चली जिसमें इक्कावन लीटर पेट्रोल की खपत दिखाई गई सितंबर में तेईस दिन में नौ लीटर और अक्तूबर में तेईस दिन में पचास लीटर की खपत दिखाई ये आंकड़े घोटाले पर मुहर लगा रहे हैं इसी तरह से चौथी रेसर बाइक यूपी 32 ईजी 2366 में वर्ष दो हजार बाइस के नवंबर में तीन दिन में इक्कावन लीटर अक्तूबर में नव दिन में पचास लीटर और अगस्त में दो दिन में सत्ताईस लीटर की खपत दिखाई गई।प्रकरण की जानकारी होने पर विभागीय जांच हुई जांच में यातायात पुलिस लाइन सदर के स्टोर प्रभारी हेड काॅन्स्टेबल रविंद्र नाथ तिवारी व परिवहन शाखा के दो अन्य पुलिसकर्मी फंसे हैं ये जांच में दोषी पाए गए हैं दोनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है एडीसीपी सुरक्षा हाईकोर्ट अशोक कुमार प्रकरण के पीठासीन अधिकारी हैं। वही सुनवाई कर रहे हैं हेड काॅन्स्टेबल पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है प्रकरण में कमिश्नरेट के उच्चाधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने बयान नहीं दिया
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