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लखनऊ केंद्र का बड़ा फैसला- नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स को गैरकानूनी संगठन घोषित किया इनसे जुड़े संगठनों पर भी बैन

 लखनऊ केंद्र का बड़ा फैसला- नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स को गैरकानूनी संगठन घोषित किया इनसे जुड़े संगठनों पर भी बैन



अदिती न्यूज श्री न्यूज 24 पोर्टल यूट्यूब चैनल लखनऊ रायबरेली


संवाददाता प्रवीण सैनी लखनऊ रायबरेली 


नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स के खिलाफ भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है भारत सरकार ने इन्हें गैरकानूनी संगठन घोषित किया है  बता दें कि नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा भारत के त्रिपुरा में स्थित एक प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन है  इसके आठ सौ से ज्यादा सदस्य माने जाते हैं। इसका उद्देश्य भारत से अलग एक स्वतंत्र त्रिपुरा राज्य स्थापित करना है, जिसके लिए वह पूर्वोत्तर भारत में विद्रोही गतिविधियों को अंजाम देता है


एनएलएफटी अपना अलग झंडा रखता है जिसमें तीन रंग हरा सफेद और लाल हैं झंडे का हरा रंग त्रिपुरा पर संप्रभुता का प्रतीक है इसी भूमि पर वे दावा करते हैं झंडे का सफेद हिस्सा उस शांति को प्रदर्शित करता है जिसे वह पाना चाहते हैं  वहीं लाल रंग वह उनकी हिंसक गतिविधियों को दर्शाता है।उनके ध्वज में एक तारा भी है  जिसे वह संघर्ष के दौरान मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में दर्शाते हैं


ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स भी एक त्रिपुरी राष्ट्रवादी उग्रवादी समूह था जो भारत के त्रिपुरा राज्य में सक्रिय था इसकी स्थापना ग्यारह  जुलाई उन्नीस  सौ नब्बे को रंजीत देबबर्मा के नेतृत्व में पूर्व त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक सदस्यों के एक समूह द्वारा की गई थी एटीटीएफ को भारत एक आतंकवादी संगठन मानता है  दक्षिण एशियाई आतंकवाद पोर्टल के अनुसार, एटीटीएफ के लगभग 90% प्रशासन हिंदू हैं और बाकी ईसाई हैं

कहा जाता है कि इस समूह का गठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा की सशस्त्र शाखा के रूप में किया गया था लेकिन यह अपने ही संगठन में विभाजित हो गया समूह का मुख्यालय बांग्लादेश के ताराबोन में था अक्टूबर दो हजार अठारह में भारत सरकार ने हिंसक गतिविधियों की वजह से ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स और द नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा की निंदा की थी

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