गोला मिल ने गन्ने में लगने वाले कीट और रोगों से बचाव के लिए वैज्ञानिकों से कराया सर्वेक्षण
गोला मिल ने गन्ने में लगने वाले कीट और रोगों से बचाव के लिए वैज्ञानिकों से कराया सर्वेक्षण
@डीपी मिश्रा
गोलापलियाकलां( खीरी)उ।त्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 सुजीत प्रताप सिंह (पादप एवं कीट रोग विशेषज्ञ) द्वारा बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल गोला क्षेत्र के ग्राम घरथनिया, कपरहा, बैदाखेड़ा,विष्णुबेहड़, बेलहरी, बेलाबोझी,जड़ौरा, कपरहा,कोटवारा इत्यादि का भ्रमण कर क्षेत्र में गन्ने में लगने वाले कीट तथा रोग की पहचान एवं निदान के बारे में कृषकों को विस्तार से बताया,इस सम्बन्ध में डॉ सिंह ने कृषको को चोटी बेधक कीट से बचाव हेतु यांत्रिक नियंत्रण के अंतर्गत प्रभावित पौधों को यथा शीघ्र काटकर नष्ट करने तथा कोराजन/सिटीजन की ड्रेंचिंग करने की सलाह दी व लग रहे पोक्का बोइंग रोग के निदान हेतु कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या अन्य फफूँद नाशक(प्रिज्म) का पर्णीय छिड़काव करने की सलाह दी, गन्ना प्रजाति को० 0238 के खेत को भी देखा गया परन्तु अभी कहीं कोई लाल सड़न रोग के लक्षण नहीं पाया गया। लाल सड़न रोग के प्राथमिक संक्रमण के लक्षण पत्तियों के मध्य सिरा पर लाल धब्बे के रूप में दिखाई देते है, इसकी रोकथाम हेतु संक्रमित पौधे को शीघ्र जड़ सहित निकाल कर नष्ट कर दे तथा उस जगह की मिट्टी में ब्लीचिंग पाउडर डालने या प्रिज्म की ड्रेंचिंग करने की सलाह दी साथ ही सिचाई पर ट्राइकोडर्मा प्रयोग करने की सलाह दी, इसके अतिरिक्त चूषक कीट ब्लैक बग (काला चिकटा) की पहचान काले चीटे जैसे होते है पृष्ठ भाग पर सफेद धब्बे पाए जाते है इसके लक्षण गन्ने की गोफ वाली पत्तियों में प्रतीत होते है व थ्रिप्स का छिटपुट प्रकोप देखा गया इसके लक्षण पत्तियो के अग्र भाग नुकीले भाला के समान दिखाई देते है,ये महीन चींटी के आकार के पत्ती के अग्र भाग में छिपे रहते है,चूषक कीट के प्रकोप से पत्तियां पीली पड़ जाती है इनके नियंत्रण हेतु क्लोरोसायपर या एमिडाक्लोप्रिड का पर्णीय छिड़काव करने की सलाह दी गयी।वरिष्ठ महाप्रबंधक गन्ना पी एस चतुर्वेदी ने प्रति इकाई गन्ना उत्पादन बढ़ाने हेतु मृदा परीक्षण के आधार पर सन्तुलित मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग करने व एनपीके विलेय उर्वरक का पर्णीय छिड़काव करने की सलाह दी तथा उन्होंने कृषकों से यह भी अपील की कि अपना गन्ना सर्वे खेत पर पहुँच कर अवश्य दर्ज करा लें तथा चीनी मिल द्वारा एग्री इनपुट उपलब्ध कराया जा रहा है अपने संबंधित सुपरवाइजर से सम्पर्क करके ले लेवे एवं वैज्ञानिकों द्वारा दी गयी सलाह के अनुसार अपने खेत मे कीट व बीमारी के बचाव हेतु उपयुक्त रसायनों का प्रयोग करे। सर्वेक्षण के दौरान चीनी मिल के सहायक महाप्रबन्धक डॉ ओ.डी.शर्मा, प्रबन्धक सत्येन्द्र कुमार मिश्र व संजीव चौधरी उपस्थित रहे ।
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